इंतज़ार
- Aditya Abhinav
- Nov 27, 2023
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वक्त रुका नही बस इंतजार बढ़ता गया
बंधी मुठ्ठी से भी रेत फिसलता गया
आपके लिए सफर रहा,
हमारा इंतजार बन गया।
रुकना हमे भी नही आता
पर अकेले चलना हमे भी तो सताता
इकरार जो था तकरार हो गया
सब्र था हमारा इंतज़ार हो गया
इंतज़ार को उम्मीद कहूँ या
इंतज़ार को हौसला लिखूँ
इंतज़ार को तिनका उठाना कहूँ या
इंतजार को घोसले का बन जाना लिखूँ
मंजिल की चाह में दौड़ता रहना कहूँ या
सफर में मुसिबतों से लड़ता रहना लिखूँ
सब्र का मतलब सीखा इंतजार से
के रूठ के , टूट के, छूट के
जो न मिला वो सपना हो गया और
प्रेम से जो मिला सब अपना हो गया।
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