प्रतीक्षा अर्थात इंतजार
इंतज़ार वो किसी के आने का,
इंतज़ार वो किसी के जाने का
इंतज़ार उन नौ महिनो का, और फ़िर
इंतज़ार उसी मिट्टी में मिल जाने का?
दूर से देखो
तो, पूरी जिंदगी एक इंतजार
कण कण की बेचैनी
और दुनिया भर का सार.
परीक्षा उस अग्नि की ऊष्मा का है हर दिन,
जैसे मेरे तलवार की वो चमकीली धार।
कौवे को घड़ा भर जाने की प्यास
किसान को अपने खेत की छास
पल पल में वो धड़कती सांस
धैर्य रखना इस इंतज़ार में सबसे खास।
अब इस इंतज़ार के अंतिम पड़ाव पर हम,
क्या होगा इसके बाद?
वो जो कहते हैं ख़तम हुआ इंतज़ार,
इस्स, साम्यिक सुख का, क्या है उनको आभास?
घण्टे माहिने साल ख़त्म होने का इंतज़ार
दिनांक से भरी हुई वो दीवार
कहते हैं जिंदगी में गिन कर दिन चार
वो खुदसे रोज़ाना मिल पाने की मेरी,
प्रतीक्षा अर्थत इंतजार !
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