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प्रेम

Aadya

प्रेम

क्या है ये प्रेम?

मन की उस गाथा का नाम

जिसका कोई अंत नहीं

एक ऐसी कहानी जो सदियों से चली आ रही है

क्या है ये प्रेम

चकोर की चाँदनी

या सागर का वो अथाह पानी

राधा संग कृष्ण की वो रास

या रुक्मणी की असीम आस

क्या है ये प्रेम

किसी की बोली में मिठास

या फिर उनके अनकहे जज़्बात

पहचान क्या है इसकी?

सिवाए उस बयान से बाहर वाली रात

क्या है ये प्रेम?

एक अंजन सी मुस्कुराहट

थोरी हिचकिचाहट

इस दुर्लभ दुनिया में एक परोक्ष चाहत।

आखिर क्या है ये प्रेम

सपनों को पूरा करने की आग

गिरकर, संभल कर, , उठ कर,

वो धीमी लाॅ से बनी चिराग

तलाश अब भी जारी है

खुदको कण कण में पाने की चाह

काश मैं समझ पाती क्या है ये प्रेम ,

बस वही इश्क, मोहब्बत, प्यार...

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