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ये जिंदगी

Varenya Vaibhav

सबक सिखाते रहती ये जिंदगी,

रह रह के तड़पाती ये जिंदगी।

अचानक हँसी को गम में बदल देती ये जिंदगी

कभी रोते हुए को हँसने का बहाना देती ये जिंदगी।


अनजान डर से जब खुद को घिरा पाते हम

अचानक फरिश्ते को हमारे लिए भेजती ये जिंदगी


जीने का कारण छीन, जीते-जी मार देती जिंदगी,

हर रोज तिल-तिल कर तड़पाती ये जिंदगी ।


हर रोज हमारा इम्तेहान लेती ये जिंदगी,

दुखती रगों पे नमक छिड़कते रहती ये जिंदगी ।


एक रास्ता बंद होते ही दूसरा खोल देती ये जिंदगी,

अवसर का खुले आसमान हमे देती ये जिंदगी।


हर रोज एक पल देती,जब सारी उम्मीदे खत्म होने लगती,

पर अगली सवेरे सूरज के रंगों के साथ हमे रौशन कर देती ये जिंदगी।


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