आज सुबह सुबह वो ठंडी हवा मुझे ये अहसास दिला गई कि मैं घर से दूर हूँ
जिन अपनों से लड़ा करता था मिठाईयों के लिए
आज मैं उन अपनों से दूर हूँ
आज मुझे ये अहसास हुआ कि मैं अपने घर से दूर हूँ
नए कपड़े और पटाखे तो यहाँ पर भी है,
लेकिन उनमे वो बात नहीं
घर की साफ-सफाई तो यहाँ भी है,
लेकिन साथ मम्मी के वो दो हाथ नही
है तो इंद्रधनुष के सातों रंग यहाँ भी ,
लेकिन फिर भी उस रंगोली में वो बात नही
पर मैंने जब देखा अपने आस-पास,
तो घर के काम मे हाथ बटाते कुछ दोस्तों का हाथ मिला
चाहे नही है मेरे भाई-बहन मेरे साथ,
पर पटाखे जलाने के लिए कुछ दोस्तों का साथ मिला
पूरी तो नहीं है खुशियाँ पर कुछ खुशियों के साथ हूँ
मुझे पता है कि मैं अपने घर से हूँ दूर
पर इस दीपावली मैं अपने दोस्तों के साथ हूँ
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