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प्रतीक्षा
प्रतीक्षा अर्थात इंतजार इंतज़ार वो किसी के आने का, इंतज़ार वो किसी के जाने का इंतज़ार उन नौ महिनो का, और फ़िर इंतज़ार उसी मिट्टी में मिल...
Aadhyah
Dec 1, 20231 min read


बेटा अब लौट आओ ना....
कर रही है पूजा, जिस बेटे के लिए वो इस बारी भी घर नहीं आएगा आखिर पढ़कर ऐसा खत बेटा, भला खुद को कैसे शहर मे रोक पाएगा बेटा, छठ आ रहा है अब...
Abhishek Kumar
Nov 17, 20231 min read


होस्टल और जिंदगी
जैसे लोग कहते हैं चलती का नाम जिंदगी, वैसे हम कहती हैं नाटक का नाम होस्टल । सच्ची घटनाओं पर आधारित कुछ ऐसे किस्से हो जाते हैं, जो एकता...
Meha Shree
Nov 10, 20231 min read


मैं खुद एक कविता हूँ, एक किस्सा हूँ
मैं हर वक़्त औरों में, अपनी कविता को खोजता रहा, कभी खुद को हर्फ़ भर भी ना पढ़ा, जो खुद को थोड़ा बेहतर समझा, एक असीम गहराई को समेटे, विचारों...
Darshit Singh
Nov 3, 20231 min read


मैं तुम्हारे साथ हूँ
सुनो... हां तुम ही.. आजकल परेशान सी रहती हो, आपनो के बीच अंजान सी रहती हो... अच्छे भले लम्हो को बिगाड़, फिर खुद ही को कोसती हो.. लोगो के...
Soumya
Oct 27, 20232 min read


मैं हिन्दुस्तान बोल रहा हूँ
मैं हिन्दुस्तान बोल रहा हूँ, कुदरत का हर रंग समाया है मुझे। कहीं झेलम का वेग तो कहीं गोवर्धन का साया है मुझमें। सर्दी, गर्मी, बारिश और ना...
Ankan Bhatt
Oct 20, 20231 min read


मेरा एक दोस्त
एक दोस्त है मेरा, बिल्कुल मुझसा दिखता है, पर वो मुझसे बेहतर है, वो दुनिया के कहने से नहीं चलता, वो खुद का रास्ता खुद बनाता है। वो सशक्त...
Darshit Singh Chouhan
Oct 13, 20231 min read


तुम लिखो
तुम लिखो जब तुमको मन करे तुम लिखो जब तुमको सब कुछ अंधेरा लगे तुम लिखो जब दिमाग में तुम्हारे कुछ भी न चले तुम लिखो जब बाहर तुम्हारे खिड़की...
Soumya
Sep 29, 20231 min read


गन्तव्य
अर्थात कोई लक्ष्य जिसे आप पाना चाहो जहाँ तक हर हाल में जाना चाहो जहाँ पहुँच कर मिले वो संतुष्टि जैसे सब कुछ जीत लिया हो ऐसी ख़ुशी| गन्तव्य...
Jhanak Chaurasiya
Sep 22, 20231 min read


वो कल की ही तो बात है
वो जैसे कल की ही तो बात है , जाना था मैंने पहली बार तुम्हें, देखा था मैंने उन राहो पर कहीं, सोचूँ आज भी उन दिनों को जब भी , लगता है जैसे...
Varenya Vaibhav
Sep 1, 20231 min read


मैंने देखा है
धड़कते, साँस लेते, रक्त चलते मैंने देखा है, कोई तो है, जिसे खुद में फलते मैंने देखा है। नववर्ष आरंभ हुआ, यह देख चित्त भी मौन हुआ, हँसते,...
Ujjwal
Aug 11, 20231 min read


मैं अब घर जाना चाहती हूंँ
कागज़ की कश्ती थी, नदी का किनारा था, झूमती मस्ती थी और हर दिन सुहाना था, कहाँ आ गए हम इस समझदारी के दलदल में, वो हमारा घर ही कितना प्यारा...
Tanu Rajput
Aug 4, 20231 min read


कर्ण एक अद्भुत चरित्र
जिसने क्षत्रिय कुल में जन्म लिया, उसे सुत पुत्र का नाम मिला, जो था हकदार सिंहासन का, उसको कांटो का मुकुट मिला। जिस माता ने था जन्म दिया,...
Vishal Tripathi
Jul 28, 20231 min read


कैसे इतना जल्दी वक़्त बीता
"" तुम ना हारे हालात से बदलना, ना दूसरो की नुकीली बात से बदलना, तुम अपनी चाहतों को, जमाने की चाह से मत बदलना, आज़ादी की उम्र में तुम,...
Soumya Gauraha
Jun 30, 20232 min read


बचपन
बचपन के वो खेल गजब के , बहुत अनमोल वो कहानी है, उस भारी बस्ते में जो सिमट, कर रह गई ऐसी वो कहानी है । महक उन नई किताबों की, जो मुझे वापस...
Shivam Kumar
Jun 23, 20231 min read


उस रोज़ उस पल
उस रोज़ उस एक पल से, मैंने खुद को पीछे छोड़ दिया, जब से मैं इस ज़माने के साथ चला। कभी खुद को ना मिल सका, सबकी बराबरी की होड़ में, खुद के...
Darshit Singh
Jun 16, 20231 min read


महाभारत – आईना जुनून का ?
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥४-७॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।...
Ankan Bhatt
Sep 14, 20222 min read


समाज के बंद दरवाज़े
समाज के इन बंद दरवाजों, की आड़ में सब कुछ हो जाता है, पहले पीटा जाता है, फिर मूँह दबोचा जाता है, इन्सानियत को परे रख, हैवानियत का स्वरूप...
Darshit Singh
Aug 3, 20222 min read


एक खत उस समाज के नाम
एक खत उस समाज के नाम लिखा है जहां हर किसी ने उस मर्द को बुरा देखा है माना थे कुछ जिन्होंने गलतियां की थी लेकिन उन कुछ के कारण समाज ने हर...
Shivam Kumar
Jan 5, 20222 min read


दिवाली घर से दूर
आज सुबह सुबह वो ठंडी हवा मुझे ये अहसास दिला गई कि मैं घर से दूर हूँ जिन अपनों से लड़ा करता था मिठाईयों के लिए आज मैं उन अपनों से दूर हूँ...
Shivam Kumar
Nov 10, 20211 min read
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