वो जैसे कल की ही तो बात है ,
जाना था मैंने पहली बार तुम्हें,
देखा था मैंने उन राहो पर कहीं,
सोचूँ आज भी उन दिनों को जब भी ,
लगता है जैसे वो कल की ही तो बात है।
सोचा था खयालों में जैसा तुम्हें,
तुम थे बिल्कुल उन ख्यालों के जैसे,
सोचता हूंँ आज भी उन दिनों को जब,
लगता है जैसे वो कल की ही तो बात है ।
मेरी बातों पर तुम्हरी वो प्यारी सी हँसी,
छोटी-छोटी चीज़ों से मिलती थी ख़ुशी,
सपने वो हमारे कभी अलग नहीं हुए,
ना जाने वो पल आज कहाँ खो गए ,
आज भी बैठे बैठे सोचता हूंँ जब ,
लगता है जैसे वो कल की ही तो बात है।
सालों का वो प्यार ना जाने कहाँ गया,
जिन राहों पर मिले थे ,
वहीं तन्हा छोड़ गयी,
आज भी जब याद आते हैं वो दिन,
लगता है जैसे कल की ही तो बात है।
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